आधी रात दरवाजे में दस्तक हुई। देखा तो एक औरत खड़ी थी। एक मासूम का हाथ पकडे एक को गौद में लिए घबराई हुई सी,बिलखकर बोली "मेरे मर्द ने मुझे मारकर घर से बहार निकाल दिया है। मेरे बच्चो को आज रात का सहारा देदो" कल रात उसने मेरे घर तो काटी मगर सोई नहीं लाचार बिस्तर में सिकुड़े आंसू बहाती रहीं कल रात में भी नही सोई। अब तक जो में अपने बेसिरपैर के दुःख में चीख रहीं थी। उन मासूम चेहरों ने मेरी चीख को दबा दिया। ये घटना सच है, जो मेरे साथ कल रात हुई। देश में हर दूसरी औरत घरेलु हिंसा की शिकार है। वो मर्द जो औरो के सामने कमजोर होते है अपनी पत्नी को पीटकर बहादुर बनते है। घरेलु हिंसा सिर्फ उस औरत की ज़िन्दगी नरक नहीं बनाती, वो मासूम बच्चे भी शिकार होते है इसका जो उस हिंसात्मक मंजर के साक्षी होते है। ये सच है कि लिख देने भर से ऐसी औरतो का दुःख कम नहीं हो जायेगा मगर ऐसे घिनोने अपराध की चर्चा हमे करनी होगी। उन औरतो की आवाज़ दबी न रह जाये। #domesticviolence #nojotohindi