साहिल के किनारे जो रेत भीगती है प्रेम में वो अक्सर लहरों संग रोती है दम तोड़ती है घुटती आवाज़ वीराने में चीखों को कहाँ ज़िंदगी नसीब होती है वो अक्सर याद आता रात के बीच पहर यादों के संग क्या ज़िंदगी गुज़र होती है दूर तक जाती नज़र खाली लौट आती है टूटे दिल की हालत समझ से परे होती है हर एक आहट उसके आने की उम्मीद देती है मोहब्बत में हार जाने पर हालत ऐसी होती है ❤️ #yqlove #yqfeelings #yqdidi #tumhareliye #love #shayari #poetry #mनिर्झरा