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अच्छा करते हैं जो आप हर रोज ये बता ही देते हैं, मे

अच्छा करते हैं जो आप हर रोज ये बता ही देते हैं,
मेरी जगह मेरा औदा क्या है ये जता देते हैं,
आपसे एक बात पूछने का मन होता है,
क्या आप ऐसे ही थे...
तो वो कांधे पर जो बैठाकर जहां दिखता था,
वो जो मेरे लिए मुझसे बिना पूछे भी pasteries लता था,
वो जो मुझे यूंही बैठे बैठे जीवन की सारी बातें समझाता था,
वो जो मुझे मेरी क ख ग पढ़ाता था...
वो कौन था... कौन था वो जो मेले में मुझे हर चीज दिखाता था,
कौन था वो जो बिना बात के मुझे यूंही कभी कभी मिठाई खिलाने ले जाता था,
कौन था वो जो मेरी जिद के आगे हार मान ही जाता था,
कभी कभी मेरी भलाई के लिए ही मुझे डांट लगाता था,
आपको याद भी है पिछली बार कब आपने माथे पर हाथ रखकर मुझसे मेरा हाल पूछा था,
आपको याद भी है पिछली बार कब आपने मुझसे ठीक से बात करना सही समझा था,
जब भी कुछ कहते हैं आप मैं सुनती ही हूं ना अब भी,
आपने कभी सोचा है बस कहना बंद क्यों कर दिया है आपसे,
आपने कभी सोचा है अब आपके आसपास भी क्यों नहीं रहती मैं,
क्यों की आप में आप जैसा कुछ मिलता ही नहीं,
क्या पता खो गए हैं आप या हम दोनो के बीच का रिश्ता ही कहीं...
दर्द होता है बहुत चुभता है वो सब कुछ जो आप अब सुधारते भी नही,
और अब शायद सुधार सकते भी नही,
क्यों की देखा है आपकी आंखों में आप सुधारना चाहते ही नहीं,
क्यों की आपको लगता है आपने जो किया वो गलती थी ही नहीं... How much you can hurt someone....is like how much the other person can bear... Because u think I can... But what you give is unbearable pain...
Thank you thank you for this all...
#mywritingmywords
अच्छा करते हैं जो आप हर रोज ये बता ही देते हैं,
मेरी जगह मेरा औदा क्या है ये जता देते हैं,
आपसे एक बात पूछने का मन होता है,
क्या आप ऐसे ही थे...
तो वो कांधे पर जो बैठाकर जहां दिखता था,
वो जो मेरे लिए मुझसे बिना पूछे भी pasteries लता था,
वो जो मुझे यूंही बैठे बैठे जीवन की सारी बातें समझाता था,
वो जो मुझे मेरी क ख ग पढ़ाता था...
वो कौन था... कौन था वो जो मेले में मुझे हर चीज दिखाता था,
कौन था वो जो बिना बात के मुझे यूंही कभी कभी मिठाई खिलाने ले जाता था,
कौन था वो जो मेरी जिद के आगे हार मान ही जाता था,
कभी कभी मेरी भलाई के लिए ही मुझे डांट लगाता था,
आपको याद भी है पिछली बार कब आपने माथे पर हाथ रखकर मुझसे मेरा हाल पूछा था,
आपको याद भी है पिछली बार कब आपने मुझसे ठीक से बात करना सही समझा था,
जब भी कुछ कहते हैं आप मैं सुनती ही हूं ना अब भी,
आपने कभी सोचा है बस कहना बंद क्यों कर दिया है आपसे,
आपने कभी सोचा है अब आपके आसपास भी क्यों नहीं रहती मैं,
क्यों की आप में आप जैसा कुछ मिलता ही नहीं,
क्या पता खो गए हैं आप या हम दोनो के बीच का रिश्ता ही कहीं...
दर्द होता है बहुत चुभता है वो सब कुछ जो आप अब सुधारते भी नही,
और अब शायद सुधार सकते भी नही,
क्यों की देखा है आपकी आंखों में आप सुधारना चाहते ही नहीं,
क्यों की आपको लगता है आपने जो किया वो गलती थी ही नहीं... How much you can hurt someone....is like how much the other person can bear... Because u think I can... But what you give is unbearable pain...
Thank you thank you for this all...
#mywritingmywords
seemasharma7192

Seema Sharma

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