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मैंने लकीरों से चुरा कर कुछ लम्हें अपने नसीब में ल

मैंने लकीरों से चुरा कर कुछ लम्हें अपने नसीब में लिखे हैं 
उन नसीबों में मैंने तुझे हर पल मांगा है 
तू मेरा सब कुछ है भगवंत 
ये बात तुझे 
आखिर कैसे समझाऊं मै।

©PoOjA TripAthi.. भगवंत ❤️
मैंने लकीरों से चुरा कर कुछ लम्हें अपने नसीब में लिखे हैं 
उन नसीबों में मैंने तुझे हर पल मांगा है 
तू मेरा सब कुछ है भगवंत 
ये बात तुझे 
आखिर कैसे समझाऊं मै।

©PoOjA TripAthi.. भगवंत ❤️