" ख्वाब आंखों में मोहब्बत का एहसास दिल में उमरता हैं , जिक्र कर लु खामोशि पालु तुझसे रुब-रू होना चाहते हैं , आज कुछ धड़कनो रवानगी कुछ और ही है कमायात जैसे , कि अभी - अभी को दिल को छु के गुजरा हो कोई अभी . " --- रबिन्द्र राम — % & Pic : pexels.com " ख्वाब आंखों में मोहब्बत का एहसास दिल में उमरता हैं , जिक्र कर लु खामोशि पालु तुझसे रुब-रू होना चाहते हैं , आज कुछ धड़कनो रवानगी कुछ और ही है कमायात जैसे , कि अभी - अभी को दिल को छु के गुजरा हो कोई अभी . " --- रबिन्द्र राम