तेरी खुश्बू का पता करती है, मुझपे एहसान हवा करती है,, शब की तन्हाई में अब तो अक्सर, गुफ्तगू तुझसे रहा करती है,, दिल को उस राह पे चलना ही नहीं, जो मुझे तुझसे जुदा करती हैं,, जिंगी में थी लेकिन अब तो, तेरे कहने में रहा करती है,, उसने देखा ही नहीं वरना ये आंख, दिल का ईहवाल कहां करती हैं,, शाम पड़ते ही शक्स की याद , कुछ ए जान में सदा करती है,, मुझसे भी उस का है वैसा ही सलूक , हाल जो तेरा आना... करती है,, दुःख हुआ करता है कुछ और बफन, बात कुछ और हुआ करती है,, अबर बरसे तो इनायत उसकी, शाक तो सिर्फ दुआ करती है,, मसला जब भी उठा चिरागों का, फैसला सिर्फ हवा करती है,, - सुभाष #feeling_loved #nojoto_loved #subhashdhruw