बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं कोहरे का छट गया कोलाहल दूर दृष्टि आ गई! दिन गए जो कपकंपी के सुनहरी धूप छा गई!! वीणा की झनकार से दूर होगी अज्ञानता! मौसम ने ली अंगड़ाई और ऋतु बसंत आ गई!! ©Anuj thakur "बेख़बर" बसंत