जिन्दगी ने क्या खुब अजमाई है। ये जिन्दगी ने क्या खुब अजमाई है , दो रोटी के लिए धुप और वारिश मे जलाई है। कभी बच्चे भुखे ना सो जाय इसलिए दिन रात अपनो को जलायी है। ये जिन्दगी ने क्या खुब अजमाई है। ज्योति