"कुछ बातें तुम्हारी याद कर मेरे रात ऐसे खो जातें हैं, जैसे एक अकेला पंछी झुन्ड से अलग होकर बारिश में किसी धोसलें मे छुप जाते हैं।" 👉 मयंक। एक अकेला पंछी ।