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देख मेरे फ़टे हालात वो मुस्कुरा कर मुझ पर तंज कस गई

देख मेरे फ़टे हालात वो मुस्कुरा कर मुझ पर तंज कस गई,
उफ़्फ़ उसकी ये शोख़ अदाएं अब तो  मेरे दिल मे बस गई,

शायदअमीरी गरीबी का फर्क मालूम नही वो नासमझ सी है,
उसकी मासूम सी तरबियत वो नादां मेरे दिल मे घर कर गई,

अब दिल तो कहीं और लगता ही नहीं उस शहजादी के बिना,
बयाँ होगा नही खामोश रहे कैसे इस ग़रीब दिल को वो जच गई,

कर दिया ये दिल का मकां भी खाली बस उसी को बसाना है,
जब भी सामने पेशकश करती है कुछ नही बस सांसे थम गई,

देखो तो सही ये गबरू जवान एक मे सौ को पछाड़ने वाला है,
जब भी नज़रे वो उठाये तो तपिश में भी वो मुझे सुन्न कर गई,

छोड़ो भी ये अमीरी ग़रीबी का खेल ये मोहब्बत में आई बाधा है,
अब तो ये दिवानगी की हद इतनी बढ़ जायेगी ऐसा असर कर गई। 
देख मेरे फ़टे हालात वो मुस्कुरा कर मुझ पर तंज कस गई,
उफ़्फ़ उसकी ये शोख़ अदाएं अब तो  मेरे दिल मे बस गई,

शायदअमीरी गरीबी का फर्क मालूम नही वो नासमझ सी है,
उसकी मासूम सी तरबियत वो नादां मेरे दिल मे घर कर गई,

अब दिल तो कहीं और लगता ही नहीं उस शहजादी के बिना,
देख मेरे फ़टे हालात वो मुस्कुरा कर मुझ पर तंज कस गई,
उफ़्फ़ उसकी ये शोख़ अदाएं अब तो  मेरे दिल मे बस गई,

शायदअमीरी गरीबी का फर्क मालूम नही वो नासमझ सी है,
उसकी मासूम सी तरबियत वो नादां मेरे दिल मे घर कर गई,

अब दिल तो कहीं और लगता ही नहीं उस शहजादी के बिना,
बयाँ होगा नही खामोश रहे कैसे इस ग़रीब दिल को वो जच गई,

कर दिया ये दिल का मकां भी खाली बस उसी को बसाना है,
जब भी सामने पेशकश करती है कुछ नही बस सांसे थम गई,

देखो तो सही ये गबरू जवान एक मे सौ को पछाड़ने वाला है,
जब भी नज़रे वो उठाये तो तपिश में भी वो मुझे सुन्न कर गई,

छोड़ो भी ये अमीरी ग़रीबी का खेल ये मोहब्बत में आई बाधा है,
अब तो ये दिवानगी की हद इतनी बढ़ जायेगी ऐसा असर कर गई। 
देख मेरे फ़टे हालात वो मुस्कुरा कर मुझ पर तंज कस गई,
उफ़्फ़ उसकी ये शोख़ अदाएं अब तो  मेरे दिल मे बस गई,

शायदअमीरी गरीबी का फर्क मालूम नही वो नासमझ सी है,
उसकी मासूम सी तरबियत वो नादां मेरे दिल मे घर कर गई,

अब दिल तो कहीं और लगता ही नहीं उस शहजादी के बिना,