चाहत है अगर आसमां छूने की, पंखों को खोल उड़ान तो भरनी होगी। चाहता है कि तेरे सुर मे जमाना गाए, मनके से पिरो दे,लफ्जों में जान तो भरनी होगी। यहाँ कोई किसी को रस्ता नहीं दिखाता, भीड़ से आगे बढ़,तुझे राह तो चलनी होगी। जीवन के रणभूमि में विजयी जो होना है, अन्तः मे छिपे योद्धा की पहचान तो करनी होगी।