India quotes आज भी बेह रहा लहू है खंडित होने का दर्द सुनो मेरे कानों से, वो तड़प रही है, बिलख रही है इंतजार में बंजर बनाए खुद को लहू लूहान पड़ी है , दुश्मन के खंजर खाए खुद पे वो जमीं मेरा ही हिस्सा है , वो ज़मीं एक पुराना किस्सा है। #POK