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न जाने कब और कैसे ये शहर मुझे अंजना सा लगने लगा।

न जाने कब और कैसे 
ये शहर मुझे अंजना सा लगने लगा।

था कभी इस शहर के बाशिंदों से मेरा राब्ता 
चहरों पर लगे मुखोटे उतरने लगे 
हर बाशिंदा, मुझे अब बेगाना लगने लगा।💔
02.11.2024

©Bobby(Broken heart) #bobby_sad_eyes
न जाने कब और कैसे 
ये शहर मुझे अंजना सा लगने लगा।

था कभी इस शहर के बाशिंदों से मेरा राब्ता 
चहरों पर लगे मुखोटे उतरने लगे 
हर बाशिंदा, मुझे अब बेगाना लगने लगा।💔
02.11.2024

©Bobby(Broken heart) #bobby_sad_eyes