जब जो मिला उसे अपना बनाते आया हूँ .. सबसे कुछ ना कुछ सीखते आया हूँ.. इसलिये विद्यार्थी हूँ ना.. किसी का अच्छा करूँ तो सुख होता है.. क्या करूँ गैरों के दुख में भी दुख होता है.. इसलिये परमार्थी हूँ ना.. प्रेम को ही जीवन का लक्ष्य माना है.. इसके अलावा कुछ और ना सत्य जाना है.. इसलिये प्रेमार्थी हूँ ना.. नफरतों से नफरत सी है मुझको.. कपट छल-छिद्र से चिढ़ सी है मुझको.. बस जरा सा स्वार्थी हूँ ना.. सर्वहित सर्वसुख की कामना करता हूँ.. मैं जैसा भी हूँ ईश्वर की आराधना करता हूँ.. सर्वमंगल उदकार्थी हूँ ना.... #Twitter