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ज़िंदगी कुछ यूं गुजरती जाती है शाम होते ही कल की फ

ज़िंदगी कुछ यूं गुजरती जाती है
शाम होते ही कल की फ़िक्र सताती है
सुबह होती है तो शाम की याद आती है
कुछ इसी तरह ज़िंदगी घटती 
और उम्र बढ़ती जाती है
ज़िंदगी कुछ यूं गुजरती जाती है
कभी पानी पीकर तसल्ली कर लेते हैं
कभी पूरी रात तारे गिनकर गुजर जाती है
सारी उम्र जिस के लिए काम किया, 
उस ज़िंदगी का ही भरोसा नहीं
ये बात अब बहुत डराती है
ज़िंदगी कुछ यूं गुजरती जाती है...

©Prashant sharma #corona#zindagi#lifestyl
ज़िंदगी कुछ यूं गुजरती जाती है
शाम होते ही कल की फ़िक्र सताती है
सुबह होती है तो शाम की याद आती है
कुछ इसी तरह ज़िंदगी घटती 
और उम्र बढ़ती जाती है
ज़िंदगी कुछ यूं गुजरती जाती है
कभी पानी पीकर तसल्ली कर लेते हैं
कभी पूरी रात तारे गिनकर गुजर जाती है
सारी उम्र जिस के लिए काम किया, 
उस ज़िंदगी का ही भरोसा नहीं
ये बात अब बहुत डराती है
ज़िंदगी कुछ यूं गुजरती जाती है...

©Prashant sharma #corona#zindagi#lifestyl