अक्सर सोचा करते हैं, ख़ल्वत में । आखीर क्या पाया,क्या खोया मोहब्बत में । अक्सर सोचा करते हैं, ख़ल्वत में । अपनो का अपनापन नजर अाया जरूरत में । अक्सर सोचा करते हैं, ख़ल्वत में । कीमत मिट्टी का, सबका एक, तो फिर घमंड क्या ऐसी दौलत में । #ख़ल्वत#नोजोटो