आवाज़ सुनने को तरसे थे जो कान सुनने के बाद कहने लगे "बेहतर थी यह खामोशी इन बेदर्द बातों से जो झूठी तसल्ली देनी थी दिल को अब उसकी भी गुंजायश राख हो गई।" #jhoothi_तसल्ली #Gussa_Vs_ego