मैं धागा-धागा खुल जाऊँगा तय है मगर तुम खुद को चरखा करके जाना झुके नैनों में होती क्या कशिश है सबक़ ये हमने सजदा करके जाना हमारे दर-मयाँ जो फ़ासले हैं उन्हें इस दफ्अ मिन्हा करके जाना ©Ghumnam Gautam #धागा #दरमियाँ #ghumnamgautam