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ख़्वाहिश-ए-नफ़्स को माबूद बना रखा है। इक तरफ़ सर क

ख़्वाहिश-ए-नफ़्स को माबूद बना रखा है।
इक तरफ़ सर को भी सजदे में झुका रखा है!

सबको फ़िरदौस की चाहत है परे दुनिया से,
ख़्वाब दुनिया का भी आंखों में सजा रखा है!

दिल से अब कौन निभाता है मरासिम इतने,
चंद सिक्कों ने भरम सबका का बना रखा है।

हिर्स दुनिया की, हवस दिल में, हसद और् नफ़रत,
हुस्ने-ज़ाहिर में कई रंग मिला रखा है।

कौन किस सिम्त से कब वार करेगा मुझ पर!
हमने भी दिल में इक अंदाज़ा लगा रखा है।

अब किसी शख़्स से वाबस्ता नहीं उम्मीदें
अब फ़क़त हाथ दुआओं में उठा रखा है।

मसनद-ए-अद्ल पे बैठा है वो ज़ालिम ख़ुद ही!
शोर मक़तल का भी क़ातिल ने दबा रखा है!

अब कोई दोस्त न दुश्मन न पराया-अपना,
हमने सब के लिए दरवाज़ा खुला रखा है। #yqaliem  #urduhindi_poetry #yqbhaijan #khwahish_e_nafs #maabood  #marasim #sajde #masnad_e_adl

Baher : 2122 1122 1122  22
Khwahish-e-nafs  -  desire of heart
Maabood - God
Masnad-e-adl  -  Throne of justice
Firdaus  -  Heaven
Maraasim - Relationship
ख़्वाहिश-ए-नफ़्स को माबूद बना रखा है।
इक तरफ़ सर को भी सजदे में झुका रखा है!

सबको फ़िरदौस की चाहत है परे दुनिया से,
ख़्वाब दुनिया का भी आंखों में सजा रखा है!

दिल से अब कौन निभाता है मरासिम इतने,
चंद सिक्कों ने भरम सबका का बना रखा है।

हिर्स दुनिया की, हवस दिल में, हसद और् नफ़रत,
हुस्ने-ज़ाहिर में कई रंग मिला रखा है।

कौन किस सिम्त से कब वार करेगा मुझ पर!
हमने भी दिल में इक अंदाज़ा लगा रखा है।

अब किसी शख़्स से वाबस्ता नहीं उम्मीदें
अब फ़क़त हाथ दुआओं में उठा रखा है।

मसनद-ए-अद्ल पे बैठा है वो ज़ालिम ख़ुद ही!
शोर मक़तल का भी क़ातिल ने दबा रखा है!

अब कोई दोस्त न दुश्मन न पराया-अपना,
हमने सब के लिए दरवाज़ा खुला रखा है। #yqaliem  #urduhindi_poetry #yqbhaijan #khwahish_e_nafs #maabood  #marasim #sajde #masnad_e_adl

Baher : 2122 1122 1122  22
Khwahish-e-nafs  -  desire of heart
Maabood - God
Masnad-e-adl  -  Throne of justice
Firdaus  -  Heaven
Maraasim - Relationship