कभी फुर्सत मे कभी तनहाई मे मेरा अक्स दिखेगा तेरी परछाई मे, वो गुनाह जो कर बैठे,क़्यो छुपाते हो हमे नाज है तेरी इस बेवफाई पे, वाबस्ता मे मिलावट होती है अफसोस नही हमे इस रुसवाई पे, कितनी दफा टूटा मै,हारी वो चूड़ी जो है तेरी कलाई पे, लिबास मे सिलवट है दाग नही मुझे फक्र है अपनी इस खुदाई पे जरूरत नही मुझे किसी की अकेले ही खूब मै,अपनी इस लडाई मे लम्बे मुताला से सिखा है मैने वियोग का नष्ट ,लापरवाही मे।। #quotes#nojoto#shayri#poetry#love#breakup#kavita#sher#rekhta#storiea#gazal..comedy +emotion =Shubham