देख नजारे इस ब्रह्मांड के होजा विलीन तू शून्य मे जहां और कोई नही बस तू, मन की बक बक से दूर अनंत सागर में डूब जिज्ञासा है तू ये पहचानले इस सृष्टि का राज़ है तू ये जानले तुझ में ही छुपा है, जो कुछ अनकहा है तुझ से ही शुरु है, तुझ से ही खत्म है देख नजारे इस ब्रह्मांड के होजा विलीन तू शून्य मे.... देख नजारे इस ब्रह्मांड के होजा विलीन तू शून्य मे जहां और कोई नही बस तू, मन की बक बक से दूर अनंत सागर में डूब जिज्ञासा है तू ये पहचानले इस सृष्टि का राज़ है तू ये जानले तुझ में ही छुपा है, जो कुछ अनकहा है