आग लगे उन आंखों को जो देखती है युद्ध के ख्वाब कितनी ज़िन्दगीयां तबाह हुई कितने लोग घर से बेघर हुए किसने कितना अपना खोया कौई देगा फिर इसका हिसाब माँ कहती है लड़ना अच्छी बात नही इसका सुखद परिणाम नही कितनी ही आत्माये तड़पती रह जाएगी क्या तुम्हें अपनो का ख्याल नही अपनो के इंतेज़ार में कई आंखे खुली रह जाती है कोई जान नही पाता कब कहां इंसानियत खो जाती है इंसान है इंसानियत रक्खो न करो युद्ध न बैर भाव रक्खो क्रोधी क्रोध में युद्ध लड़ते जाते है धैर्यवान बस देखते रह जाते है कितनी पुश्ते सिसकिया भर रह जाती है कितने बच्चे डर के मारे मर जाते है हाय लगे उन स्त्रियों की जिन्होंने पिता,पुत्र और पति को खोया है आसमान टूट पड़े उन ख्यालो पर जिन्होंने युद्ध को अपनाया है न करो युद्ध कह गए बुद्ध सब यही धरा रह जायेगा इंसान कुछ भी साथ लेकर नही जा पायेगा न करो युद्ध न युद्ध की ललकार करो इंसान है सभी आपस मे प्रेम करो रुक जाओ मत करो युद्ध, मत करो युद्ध, मत करो युद्ध युद्ध का अच्छा परिणाम नही। ©DEV KUMAR MAKWANA stop the war rusiya vs Ukraine #Dark