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कुछ कमी तेरी थी मान्यआ मेरा था कसूर घणा। पल पल

कुछ  कमी तेरी थी
मान्यआ मेरा था कसूर घणा। 

पल पल तड़पु तने देखण खातेर्
मे होके नशे मे चूर घणा। 

रे मृगतृष्णा सा इश्क़ तेरा
मने दिखे करीब से दूर घणा।

©sukoon
  #मृगतृष्णा