सोचती हूँ की, ज़ज्बात अपने ना छुपाया करू, सब ज़ज्बात उसी समय निकाल दिया करू, पर फिर सोचती हूँ कि, क्यों किसी की बात को इतना ज़रूरी समझूँ, क्यों किसी के लिए ख़ुद को परेशान करू, पर ग़लत सहना भी मेरी फ़ितरत नहीं! कोई ज्यादा बोले और मैं चुप रहूं, मैं इतनी शरीफ भी नहीं! #feelings #Nojoto #सोचती_हूँ...