उथल पुथल करदी हैं चीज़ें सारी, मन भी मन मैं खुदको संभाल लिया है.... बिछड़ने का किया है आज पक्का इरादा, जुबां पर भी देखो मैंने ताला दाल लिया है.... चला हूँ मिलने मैं उससे आखिरी दफा, हिज़्र की है रात और उसे मैंने क़यामत का नाम दिया है.... अश्को ने आँखों से फिर भी झांक लिया है, जैसे बरसात में किसी ने छाता निकाल लिया है.... खिला था एक मौसम के फूल जैसा मैं, फिर आज काँटों जैसा खुदका हाल किया है.... पागल होने लगा हूँ मैं अकेले ही अकेले, चारसजों को बातों से ही मार दिया है.... बात करदी है मैंने सबसे करना बंद, एक कमरे में ही मैंने दिन निकाल दिया है.... YASH ©Jazbaati Shayar #Night Geeta Modi Priyanka Modi swetu Anju Vaish Preeti