चुप- चाप अटूट रिश्ता बनाया किसी के साथ! फिरता हो जैसे धूप में साया किसी के साथ! ज़ो मुश्किलों से मैंने सिखाया था उसको दोस्त! उसने वो इश्क़ कर के दिखाया किसी के साथ! # umair najmi# ©Azeem Khan #umair najmi poetry# NIKHAT دل سے درد کا رشتہ जय श्री महाकाल