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प्रिय Ex फेसबुक की बात क्या कहूँ यारों, थक जाती

प्रिय Ex फेसबुक की  बात क्या कहूँ यारों,
 थक जाती  है आँखे ,पर 
 मन  को सकूँ नही मिलता
लाइक तो मिल जाते है, 
पर ,दिल नही मिलता
गुफ्तगू रोज़  होती है उनसे
मुदद्दतों सामना नही होता,
जी बहुत चाहता है सच लिखें
क्या करें, हौसला नही होता.. मैं और मेरा फेसबुक
प्रिय Ex फेसबुक की  बात क्या कहूँ यारों,
 थक जाती  है आँखे ,पर 
 मन  को सकूँ नही मिलता
लाइक तो मिल जाते है, 
पर ,दिल नही मिलता
गुफ्तगू रोज़  होती है उनसे
मुदद्दतों सामना नही होता,
जी बहुत चाहता है सच लिखें
क्या करें, हौसला नही होता.. मैं और मेरा फेसबुक
vijayverma8056

vijay verma

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