Nojoto: Largest Storytelling Platform

मासूम है वह,जिसकी जिंदगी नर्ख है; भटकता है इधर-उधर

मासूम है वह,जिसकी जिंदगी नर्ख है;
भटकता है इधर-उधर उसे भूख की खोज है;
आँखों में परेशानी दिखती;
फिर क्यू जुबान अभी भी ख़ामोश है।
        
---वह सच्च में मासूम होते है क्या?---

पैरो में चलने के लिए चप्पलो की खोज है;
शर्म से हाथ आगे बढ़ाने के लिए अपसोस है;
धूप में गला सूखना;
ये मासूमो का नही पढ़े-लिखें मानव का दोष है।

       सर पर छाव नही इसलिए वह मदहोश है;
       कर्म अच्छा करे फिर क्यों उसका दोष है;
       शरीर में जान नहीं;
       फिर भी लड़ने का जोश है।
--वह सच्च में मासूम होते है क्या?--

पीने के लिए पानी केवल वही इनका श्रोत है;
जिंदा रहना कुछ दिन तक ये जिंदगी का दोष है;
मासूमो में बसता भगवान का रूप;
चलते समय में मुझे लगता ये इंसानियत का दोष है।
                          #Maasum bacche
             #writtenby$iddhant maasum bcche
मासूम है वह,जिसकी जिंदगी नर्ख है;
भटकता है इधर-उधर उसे भूख की खोज है;
आँखों में परेशानी दिखती;
फिर क्यू जुबान अभी भी ख़ामोश है।
        
---वह सच्च में मासूम होते है क्या?---

पैरो में चलने के लिए चप्पलो की खोज है;
शर्म से हाथ आगे बढ़ाने के लिए अपसोस है;
धूप में गला सूखना;
ये मासूमो का नही पढ़े-लिखें मानव का दोष है।

       सर पर छाव नही इसलिए वह मदहोश है;
       कर्म अच्छा करे फिर क्यों उसका दोष है;
       शरीर में जान नहीं;
       फिर भी लड़ने का जोश है।
--वह सच्च में मासूम होते है क्या?--

पीने के लिए पानी केवल वही इनका श्रोत है;
जिंदा रहना कुछ दिन तक ये जिंदगी का दोष है;
मासूमो में बसता भगवान का रूप;
चलते समय में मुझे लगता ये इंसानियत का दोष है।
                          #Maasum bacche
             #writtenby$iddhant maasum bcche