इन खंडर मीनारों में इन बीहड़ वीरानों में अंधेरे आसमानों में भीड़ भरे जमानों में जंग के मैदानों में जख्म के निशानों में जूठे अफसानों में बंद तहखानों में बंद है अरमां कई जो निकले नही उजालों में उलझे नहीं जो सवालो में बिखरे नही वो रसालों में शायद वो तकदीर में नहीं सोदा खरा भुलाने में तहखानों को खुलाने में भीड़ से मिल जाने में दर्द मिटा मुस्कुराने में । #ravikirtikikalamse #ravikirti_poetry #ravikirtimotivationalquotes #tutnekasilsila #yqdidi #ravikirtikidairy #bhidmeinbhitanha #paidstory