शायद..! पहले जलती थी खुशियां भी मुझसे, अब दर्द भी मुझसे रुठ गया है लगता है शायद.. मेरे दर्द का भी निधन हो गया है, अब ये दिल भी तड़पना भूल गया है, अब आँसू भी शायद सूख गया है, लगता है शायद.. मेरे दर्द का भी निधन हो गया है, दर्द की परिभाषा क्या है,, न जाने किस कोने में छोड़ गया है, अब नि:स्तब्ध है ये दिल,,, अब हँसना रोना भूल गया है,,, अब परवाह नहीं है किसी रंजिश की,, ये गुमसुम सा अब हो गया है, लगता है शायद.. मेरे दर्द का भी निधन अब हो गया है, अब ये दिल मेरा पत्थर सा बन गया है, अब हर गम को भी भूल गया है, हर शिकवे गीले सब भूल गया है, बेहोश सा ये मन मेरा, अब हर नासूर जख़्मों को भी भूल गया है लगता है शायद.. मेरे दर्द का भी निधन अब हो गया है। ©Alpana Sharma #Dard #jakhm #nojotohindi #Hindi #hindi_poetry #alpanasharma #itshurts #hurt #feelings Irfan Saeed Writer Rajeev Bhardwaj Jugal Kisओर