अब ये मुमकिन नहीं के बदल जाऊं मैं, तेरी मीठी बातों से बहल जाऊं मैं, काम बस एक मुहब्बत ही था मेरा, अब फुर्सत में है मुनासिब, कहीं दूर निकल जाऊं मैं..... #मीठी_बातें #मुमकिन_नहीं #बदल_जाऊं #काम #मुहब्बत #मुनासिब #दूर #शायर_ए_बदनाम