दिन भी तन्हा है मेरा तो रात क्या काटता, लम्हें भी भारी पड़ते हैं तो ज़िन्दगी क्या काटता, किसी और ने बुझाई मोमबत्ती भी तेरे होते हुए, अब खुशी कहाँ रही, केक क्या काटता । bday