Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिन भी तन्हा है मेरा तो रात क्या काटता, लम्हें भी

दिन भी तन्हा है मेरा तो रात क्या काटता,
लम्हें भी भारी पड़ते हैं तो ज़िन्दगी क्या काटता,
किसी और ने बुझाई मोमबत्ती भी तेरे होते हुए,
अब खुशी कहाँ रही, केक क्या काटता । bday
दिन भी तन्हा है मेरा तो रात क्या काटता,
लम्हें भी भारी पड़ते हैं तो ज़िन्दगी क्या काटता,
किसी और ने बुझाई मोमबत्ती भी तेरे होते हुए,
अब खुशी कहाँ रही, केक क्या काटता । bday
zaydaslam5214

Zaid Aslam

New Creator