कोई रहबर न मिला , क्या करूँ जानूं ना तूने मुझे क्या दिया , क्या कहूँ , क्या पता फिर सोंच तेरे बारे में , सुकूँ कैसे मिले तेरी हर चीज़ बेवफा , थी सभी था पता कोई रहबर न मिला , क्या करूँ जानूं ना जीवन है क्या , जाने कौन सी बला कोई समझ न पाए , कोई कैसे समझाए , हाय रे दिखता न सवेरा , हटता न अँधेरा घेरे हैं मुझे , ये काले - काले साये , हाय रे ना मिला तेरा पता , हो गया लापता कोई रहबर न मिला , क्या करूँ जानूं ना तूने मुझे क्या दिया , क्या कहूँ , क्या पता ©Shayar mayank #नामिला follow as insta @mayanks302