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वो दिन का रात से शाम को मिलना, छुप छुप के ये बाते

वो दिन का रात से  शाम को मिलना, छुप छुप के ये बाते करना कोई आ जाये तो धीरे धीरे से निकलना 

आज भी याद है मुझे #54🙅🏻
वो दिन का रात से  शाम को मिलना, छुप छुप के ये बाते करना कोई आ जाये तो धीरे धीरे से निकलना 

आज भी याद है मुझे #54🙅🏻