युग त्रेता धर्म युग, न पावन बन पाता यदि कोई राम, रावण के विरुद्ध शस्त्र न उठाता द्वापर युग भी बुराई का, चक्रव्यूह बन जाता यदि कोई कृष्ण, कंस के विरुद्ध चक्र न घुमाता। कलयुग भी काल का नहीं,कलरव का युग कहलाता यदि प्रत्येक मनुष्य,राम -कृष्ण बन ,बुराई के विरुद्ध खड़ा हो पाता। ©virutha sahaj #गलत गलत होता है