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हम एक फूल की तरह हैं जो खिलना चाहते हैं खुले आसमा

हम एक फूल की तरह हैं 
जो खिलना चाहते हैं खुले आसमान में
उड़ना चाहते हैं परिंदो की तरह 
तैरना चाहते हैं समंदर की अथाह लहरों में
हम पर टिकी उम्मीद भरी निगाहें
हमें जिम्मेदारियों का एहसास कराती हैं
अगर इस बोझ को ढोते हैं
तो फूल कैद हो जाएंगे 
हम अपने सपने भूल जायेंगे 
इन जंजीरों को तोड़ अगर भाग जाएं 
तो डर है इस दुनिया के लोगों से वो 
इस फूल को डाल से तोड़ देंगे
इस मायानगरी में फूलों को कुचल देंगे
इन दो पक्षों के जंजाल में हम फंसकर 
रह जायेंगे 
फूल मुरझा जायेंगे.....

©NISHA DHURVEY
  #फूल