नशा मने जिस ते चाहा वोही मेरे ते दूर होया रे वो घूमे आज गैरा की गैल मै बैठा नशे में सुल्फा पी के चूर होया रे उसके मीठे मीठे बोला ने मेरे दिल ते ठगा रे वो जीवे आज भी मै उस खातिर मर गया रे मै उस बेवफा खातिर ज़माने ते भीड़ गया रे मै मर गया उसपे और वो गैरा पे मर गया रे वो दिल ने मेरे तोड़ गया जिंदगी आधी कर गया रे जो कहा करता दूर रहना नशे ते आज वोही मेरे ते सुल्फे का आदि कर गया रे अरमान सुल्फे का आदि....