गरजते हो ,जताते हो, बगावत आधी-आधी तुम सजतीे हो ,संवरती हो ,यथावत आधी-आधी तुम! ये जुल्फों को भी लहराओ, यूं नजरों से भी इठलाओ क्यों ओढी है ये चुनरी सी ,शराफत आधी-आधी तुम ! मेरे दिल को जख्मों का ठिकाना कहते रहते लोग क्यों देती हो ,इन जख्मों को रियायत आधी-आधी तुम! गरजते हो जताते हो बगावत आधी-आधी तुम!! #DPF #बगावत आधी-आधी तुम #kavishala #nojoto