सुनो! जान! ये वादियां क्या कहती हैं, जब छोकर गुजरता है हवा का कोई झोंका मुझे यूं लगता है कोई संदेशा तेरा लाई हैं, कह रही हैं मुझसे रह ली पूरा दिन उनके बिना, अब बस शाम बीत जाने दे, फिर जी भर रहना उनकी बाहों में.. पहाड़ों की हों या मैदानों की, या फिर हमारे घर की छत से गुजरती ठंडी हवा, और ये कभी कभी होने वाली बारिश, सब कहते हैं, भीग जाने दे खुद के मन को, कि धुल जाएं सब शिकायतें तेरे उनके मन की, छूकर गुजर जाने दे ठंडी हवा को रूह को अपनी, कि फिर मिले एहसास तेरे पास होने का, और जी ले तू जिंदगी उन करीबी पलों में, जिंदगी के मायने क्या हैं तेरे लिए, उनकी दो बाहें,और उनका ढेर सारा प्यार, जिंदगी यहां नहीं तो और कहां है, यही तो जिंदगी है और यही जीने की वजह.. ©Lata Sharma सखी #wadiyan #वादियां