अब आशिकी और छेडख़ानी दोनों 'बटन' से ! [ Read Captain ] अब आशिकी भी ‛बटन’ से होती है और छेड़खानी भी ‛बटन’ से ! हाईस्कूल के दौरान हमारे कुछ क्लासमेट भी सिगरेट पीते थे लेकिन जब किसी भी सीनियर को देखते थे तो उसे छिपा लेते थे, सीनियर ही नहीं जूनियर से भी लिहाज करते थे। लड़कियों को लेकर खूब गप्पेबाजी होती थी लेकिन उनका सम्मान किया जाता था। सबसे बदमाश या यूं कहें कि सबसे बिगड़ैल भी राह चलते लड़कियों को छेड़ने से हिचकता था। उसे गांव, समाज, मोहल्लें का डर होता था। ऐसा नहीं था घटनाएं नहीं होती थी, होती थी लेकिन मर्यादा इतनी तार-तार नहीं होती थी। जिन लड़के-लड़कियों