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ये जो रायपुर में आज जो बे-शबाब बारिश हो रही है ना।

ये जो रायपुर में आज जो बे-शबाब बारिश हो रही है ना।
जिसकी बूंदे जैसे ही हर गली,हर नुक्कड़,ओर मैदानों पर पड़ रही है।
जिससे मिट्टी में से एक धिमी धिमी खुशबू आ रही ।
जैसे पहली की तरह आया करती थी । 
हा आज बिल्कुल वैसे ही आ रही है।
हा तिफ़ल(बच्चा) मुझे तेरी याद आ रही है।।।।।1।।।।।

आज मैं फिर से वही गया।।
तुम्हे तो पता ही है ना जहा अक्सर जाया करता था।
जहा की गर्म चाय , एक नया सा अहसास दिलाया करती थी।
आज तो चाचा ने भी पूछ लिया।
जनाब बड़े दिनों बाद , और बेबी जी कहा है।

बेबी जी।।।।।

ये उस चाचा के अल्फ़ाज़ , मेरे कानों में एक तीखे से तीर सी लग रही थी।
अब उन्हें कौन बताएगा बेबी जी बहुत दूर जा चुकी है। 
जहाँ से अब वो दुबारा नही आ रही है।
हा तिफ़ल मुझे तेरी याद आ रही है।।।।।।2।।।।


तुझे और कुछ बताना चाहता हु तिफ़ल।
मैं आज फिर अपनी गलियो से दूर। 
कही दूर गया।
 क्योंकि ये बारिश की धिमी महक तेरा एहसास दिल रही थी।
तो फिर मैं उन पुरानी गलियो में मुड़ चला था।
जहा की दीवार ,
जहा की आबोहवा में फैली तेरी खुशबू,
जहा की हर एक दुकान।
हर एक मंजर ।
तेरी मौजूदगी के मफ़हूम(अर्थ) की तशरीह(व्याख्या)
आज भी कर रही है।
हा तिफ़ल मुझे तेरी याद आ रही है।।।।।3।।।।।।।

 #NojotoQuote हा तिफ़ल मुझे तेरी याद आ रही है।
ये जो रायपुर में आज जो बे-शबाब बारिश हो रही है ना।
जिसकी बूंदे जैसे ही हर गली,हर नुक्कड़,ओर मैदानों पर पड़ रही है।
जिससे मिट्टी में से एक धिमी धिमी खुशबू आ रही ।
जैसे पहली की तरह आया करती थी । 
हा आज बिल्कुल वैसे ही आ रही है।
हा तिफ़ल(बच्चा) मुझे तेरी याद आ रही है।।।।।1।।।।।

आज मैं फिर से वही गया।।
तुम्हे तो पता ही है ना जहा अक्सर जाया करता था।
जहा की गर्म चाय , एक नया सा अहसास दिलाया करती थी।
आज तो चाचा ने भी पूछ लिया।
जनाब बड़े दिनों बाद , और बेबी जी कहा है।

बेबी जी।।।।।

ये उस चाचा के अल्फ़ाज़ , मेरे कानों में एक तीखे से तीर सी लग रही थी।
अब उन्हें कौन बताएगा बेबी जी बहुत दूर जा चुकी है। 
जहाँ से अब वो दुबारा नही आ रही है।
हा तिफ़ल मुझे तेरी याद आ रही है।।।।।।2।।।।


तुझे और कुछ बताना चाहता हु तिफ़ल।
मैं आज फिर अपनी गलियो से दूर। 
कही दूर गया।
 क्योंकि ये बारिश की धिमी महक तेरा एहसास दिल रही थी।
तो फिर मैं उन पुरानी गलियो में मुड़ चला था।
जहा की दीवार ,
जहा की आबोहवा में फैली तेरी खुशबू,
जहा की हर एक दुकान।
हर एक मंजर ।
तेरी मौजूदगी के मफ़हूम(अर्थ) की तशरीह(व्याख्या)
आज भी कर रही है।
हा तिफ़ल मुझे तेरी याद आ रही है।।।।।3।।।।।।।

 #NojotoQuote हा तिफ़ल मुझे तेरी याद आ रही है।