इक तेरे मिलन की चाह रही दिल को और ज़िन्दगी से कुछ ना रहा माँगना बाकी रुसवाइयों से तेरी ये दिल डूबा है तेरे प्यार के सिवा कुछ ना रहा माँगना बाकी जुस्तजू तेरे दीदार की रही सदा ज़मानेभर का आराम ना रहा माँगना बाकी