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एक पल तेरे बग़ैर, ऐसा महसूस होता है..! शरीर जैसे श्

एक पल तेरे बग़ैर,
ऐसा महसूस होता है..!
शरीर जैसे श्वास मुक्त,
हमेशा ही होता है..!

जीने की आरज़ू,
ख़त्म होती नज़र आती है..!
मरने को दिल ये,
तड़पता और रोता है..!

क्या वज़ूद है बिन तेरे,
जानी यूँ मेरा..!
ख़्यालों की दुनिया में,
बेवज़ह ही खोता है..!

कोई चाह नहीं,
कोई आह नहीं..!
न ही बीच हमारे,
कोई काल्पनिक समझौता है..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #tootadil #TereBagair