कसूरवार तो दिल था.. सजा हमे मिली हैं, सब जानकर अंजान बने रहें,, भरोसा करना था.. नफरत करने लगे? हमे भी खुद से नफरत अच्छे से सिखा गये,, सब था बस दिल ना था.. सांस बनकर धडकने छिन गये..! ये दिल..….