*हमराही* ग्रीष्म की तपती दुपहरी में शीतल फुहारों का एहसास कराना तुमने ही तो सिखाया मेरे हमसफर मेरे रहबर तुमने अच्छा साथ निभाया 07 से शुरू हुआ साथ का सफर 14 साल तक धूप–छांव की डगर पर कदमताल कर तुम ही ने दिखाया मेरे हमसफर मेरे रहबर तुमने अच्छा साथ निभाया पापा की लाडली और घर की दुलारी जब तुम आई अनजान घर दुआरी बिना सकुचाय तुमने सब को अपनाया मेरे हमसफर मेरे रहबर तुमने अच्छा साथ निभाया रिश्तों की मनके को भरोसे में गूंथ कर अपने संबंधों को ऐतबार में पिरो कर अपने कलेजे से तुम ने ही तो लगाया मेरे हमसफर मेरे रहबर तुमने अच्छा साथ निभाया माना मेरे शब्दों में वजन कम है लेकिन बिना बोले मन के भावों को पढ़ना तुम ही को तो आया मेरे हमसफर मेरे रहबर तुमने अच्छा साथ निभाया जिंदगी की तेज़ रफ्तार में कभी दुलार में तो कभी तकरार में साथ के मतलब को तुमने ही तो समझाया मेरे हमसफर मेरे रहबर तुमने अच्छा साथ निभाया सिवाय स्नेह तुम्हें देने को क्या है लेकिन बिना उम्मीद किसी को सब देना तुम ही ने तो बताया मेरे हमसफर मेरे रहबर तुमने अच्छा साथ निभाया अब तो ये पंद्रहवीं की शुरुआत है जीवन बेफ़िक्री से जीने की बात है सदैव साथ रहना और मत घबराना मेरे हमसफर मेरे रहबर तुमने साथ निभाया आगे भी निभाना ©Amit Humrahi #Humrahi