न दे आवाज मुझको में कही भी आ नहीं सकता। कहा हुं में किसी को हाले-दिल बता नहीं सकता। तराने हैं फसाने हैं कई आंसू बहाने हैं दिलों ने साज़ छेडे हैं मगर मैं गा नहीं सकता। कभी अल्फ़ाज़ सुनते ही बनाते थे तराने हम, सुनहरा दौर महफिल का वह वापिस ला नहीं सकता। गवा बैठे सभी वो पल थी जिन मे जिंदगी अपनी, हकीकत बेच कर भी पल वो वापस ला नहीं सकता। न जाने कौनसी मिलती हमे थी मौज यारी में, किसी भी लफ्ज़ मे उसको बताया जा नहीं सकता। नहीं तुम मानते हो पर हमें ये खींच लाती है, तुम्हारी सर्द आवाजें कभी भुला नहीं सकता। ©प्रकाश " प्रिये" #samay યાદ ની શાયરી શાયરી હિન્દી શાયરી પ્રેમ સંબંધ શાયરી ગુડ મોર્નિંગ શાયરી