212 212 212 212 जीत कर हार जो भी गया प्यार में नाम उस का रहा आज संसार में ! मुस्कुरा कर हमेशा गया हारता जीत से था जियादा मज़ा हार में ! चुप रहा वो कभी कुछ कहा भी नहीं बोलती हैं नज़र आज इज़हार में ! ज़िन्दगी भर रहा वो तरसता यहाँ ढूँढता वो गुलों को रहा ख़ार में ! लब सिले थे मगर आज कहता रहा हाल दिल का कहा आज विस्तार में ! मत लिया कर कभी कोई पंगा मलय हैं बने वो हुए आज सरकार में ! ©malay_28 #प्यार में