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।। ॐ ।। आ भानुना पार्थिवानि ज्रयांसि महस्तोदस्य ध

।। ॐ ।।

आ भानुना पार्थिवानि ज्रयांसि महस्तोदस्य धृषता ततन्थ। 
स बाधस्वाप भया सहोभिः स्पृधो वनुष्यन् वनुषो नि जूर्व ॥६॥

पद पाठ
आ। भा॒नुना॑। पार्थि॑वानि। ज्रयां॑सि। म॒हः। तो॒दस्य॑। धृ॒ष॒ता। त॒त॒न्थ॒। सः। बा॒ध॒स्व॒। अप॑। भ॒या। सहः॑ऽभिः। स्पृधः॑। व॒नु॒ष्यन्। व॒नुषः॑। नि। जू॒र्व॒ ॥

जो प्रेम से मित्र होकर जैसे सूर्य्य अन्धकार को, वैसे भयों को दूर करके संग्रामों को जीतते हैं, वे प्रतिष्ठित होते हैं ॥

Those who become friends with love, like the sunlight darkness, overcome fears and conquer conflicts, they are revered.

( ऋग्वेद ६.६.६ ) #rigveda #Veda #freind
।। ॐ ।।

आ भानुना पार्थिवानि ज्रयांसि महस्तोदस्य धृषता ततन्थ। 
स बाधस्वाप भया सहोभिः स्पृधो वनुष्यन् वनुषो नि जूर्व ॥६॥

पद पाठ
आ। भा॒नुना॑। पार्थि॑वानि। ज्रयां॑सि। म॒हः। तो॒दस्य॑। धृ॒ष॒ता। त॒त॒न्थ॒। सः। बा॒ध॒स्व॒। अप॑। भ॒या। सहः॑ऽभिः। स्पृधः॑। व॒नु॒ष्यन्। व॒नुषः॑। नि। जू॒र्व॒ ॥

जो प्रेम से मित्र होकर जैसे सूर्य्य अन्धकार को, वैसे भयों को दूर करके संग्रामों को जीतते हैं, वे प्रतिष्ठित होते हैं ॥

Those who become friends with love, like the sunlight darkness, overcome fears and conquer conflicts, they are revered.

( ऋग्वेद ६.६.६ ) #rigveda #Veda #freind