काश, एक बार इज़हार कर सकते, तो आज मंज़र कुछ अलग होता, ना तू वहांँ होती ना मैं यहांँ होता, ना ही मैं तुझको याद करके , मेरे दर्द भरे अल्फ़ाज लिख रहा होता। — % & ये हेश्टेग कभी ना हटाएं... #GujaratiwriterS_हिंदीआलेखन_एक_बार_इज़हार 🔶🔸🔶🔸🔶🔸🔶🔸🔶🔸🔶🔸🔶🔶🔸🔶🔸🔶🔸🔶 प्रस्तुत किए गए चित्र के अनुरुप क्वॉट, लेख, कविता, लघु कथा, आवकार्य है।