अगर मासूमियत वजह है हमारी हमारे हर किसी से धोखा खाने की तो क्यों ना इसे ही अलविदा बोल दूँ बनके धोकेबाज और बुला लूँ अपने दोनो हाथों से अपने अंदर एक सख्श चालाक और चालबाज मासूमियत